हम आपको कोयम्बटूर निवासी प्रशान्थ जी के घर ले कर चलते है,जिसका निर्माण आईकन कला शिल्पशाला कोयम्बटूर व्दारा किया गया है।इस घर में प्राकृतिक उजाला एवं वायु का पूर्णरूपेण समावेश है।घर के बगीचे का कलाशिल्प बिल्कुल अलग तरीके का है।घर के बाहर की ओर गहरे रंग के पत्थरों का प्रयोग कर के घर को सुन्दर रूप दिया गया है। यह सभा सादगी और आधुनिकता का एक आदर्श उदाहरण है।आइए हम इस अद्भुत घर का दौरा शुरू करें।
अभी आपने देखा बागीचे का प्रवेश-व्दार,अब चलते हैं बागीचे के अन्दर। दीवार से सटा कर ज़मीन से ऊपर की ओर पीले पटियों पर आयताकार गमलों में छोटे पौधे लगे हैं। दीवार में लकड़ी में पारदर्शी काँच को जमा कर खिड़की बनायी गयी है जिसे जब मन चाहे खोल और बंद कर सकते हैं। खिड़की के ऊपर छत से पानी निकासी के लिये नाली बनी है जिसका पानी गमले में लगे पौधों के काम आता है।
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यह है घर का प्रवेश व्दार, जिसकी बनावट को काले संगमरमर को चौकोर एवं आयताकार खण्डों में लगा कर तैयारकिया गया है। ढाँचे को आलम्बन देने के लिये पीछे संगमरमर की शलाकाओं का प्रयोग किया गया है।इसी ढाँचे से मुख्य व्दार जुड़ा हुआ है।धातु के मुख्य व्दार के मध्य में लकड़ी से कलाकारी की गयी है।सामने दीवार पर फूलों के छोटे पौधे लगे है जो प्रवेश व्दार को सुशोभित कर रहे हैं।सामने की खिड़की के आगे काले संगमरमर की समान आकार में पट्टियाँ लगायी गई हैं। ऊपर बालकनी में भी संगमरमर की शलाकाओं को लगाया गया है।
मुख्य व्दार से होकर हम बैठक कक्ष में प्रवेश करते है।कक्ष का मध्य व्दार लकड़ी का बना है एवं दोनों तरफ किनारों में समान दूरी पर धातु की छड़ें व पारदर्शक काँच लगा है।सामने खिड़की पर तीव्र प्रकाश के कारण जाली का उपयोग किया गया है।फर्श पर सफेद संगमरमर और मटमैले संगमरमर को समान दूरी से लगाया गया है।बैठने का स्थान तीन सीढ़ी ऊपर ऊचाँई पर है।पूरे फर्श पर सफेद संगमरमर का प्रयोग किया गया है।चित्र में ऊपर भूरे रंग का सोफा व मेज दिखाई दे रहे है।सामने ऊपर छत पर दीवार का दोनों तरफ घूमने वाला पंखा लगा है।
अब चलते हैं बालकनी में खुले आकाश के नीचे। बालकनी में खुली खिड़की है, खिड़की की दीवार पर लोहे की मोटी छड़ पकड़ कर खड़े होने के लिए लगायी गयी है परन्तु ऊपर काले संगमरमर की शलाकाएँ समान दूरी पर लगायी गयी हैं व दीवार पर रोशनी की व्यवस्था की गई है।फर्श का संगमरमर मटमैले रंग का है।
बागीचा क्षेत्र में सबसे पहले गौर फरमायें, लम्बी ऊँची दीवार पर, संगमरमर की समान रूप से खंडित पट्टियाँ एक के ऊपर करीने से जमायी गयी हैं।उसी दीवार के नीचे समकोण में अलग रंग की संगमरमर की पट्टियाँ लगायी गयी हैं तथा उसके तीन ओर चौड़ी मेन्ट की पट्टी से हद का निर्माण किया गया है। नीचे एक सी घास की चादर बिछी है। सबसे ऊपर धातु की छड़ो के व्दारा बने साँचे में पारदर्शी काँच को जमाया गया है।सामने नीचे बागीचे का प्रवेश व्दार है उसके ऊपर धातु की छड़ो से साँचा बना कर पारदर्शी काँच को जमाया गया है।